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केला बंची टॉप वायरस Written on . Posted in Disease.

केला बंची टॉप वायरस

के बारे में: केला बंची टॉप वायरस (BBTV), जो केला एफिड्स द्वारा फैलता है, पूरे पौधे को प्रभावित करता है, जिससे वृद्धि रुक जाती है और गुच्छा बनना रुक जाता है, जिससे 100% तक पैदावार कम हो सकती है।

कहाँ होता है: यह तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश में प्रचलित है, जो गर्म, आर्द्र परिस्थितियों (25-35 डिग्री सेल्सियस) में पनपता है।

पहचान:

  • नसों के साथ गहरे हरे धब्बों, झुकी हुई पत्तियों और रुके हुए विकास की तलाश करें।
  • सीधी, संकरी पत्तियों और फल गुच्छों की अनुपस्थिति की जाँच करें।

जैविक उपचार विधि:

  • सांस्कृतिक प्रथाएँ: संक्रमित पौधों को हटाएँ और नष्ट करें, एफिड्स को चिपचिपे जाल से नियंत्रित करें, और वायरस-मुक्त चूसक का उपयोग करें।
  • प्रतिरोधी किस्में: प्रतिरोध सीमित; मंथन जैसे स्वस्थ रोपण सामग्री लगाएँ।
  • जैविक नियंत्रण: एफिड शिकारियों जैसे लेडीबग्स को प्रोत्साहित करें।

अजैविक उपचार विधि:

  • कवकनाशी: इमिडाक्लोप्रिड का एफिड्स नियंत्रण के लिए प्रयोग करें, स्थानीय दिशानिर्देशों के अनुसार।
  • निगरानी: बुआई के 60-90 दिनों के भीतर एफिड्स और लक्षणों की जाँच करें।