back to the blog

केला सिगाटोका लीफ स्पॉट Written on . Posted in Disease.

केला सिगाटोका लीफ स्पॉट

के बारे में: केला सिगाटोका लीफ स्पॉट, माइकोस्फैरेला प्रजाति (जैसे एम. म्यूसिकोला, एम. फिजिएंसिस) के कारण होने वाली एक कवक रोग है, जो पत्तियों को प्रभावित करती है, जिससे प्रकाश संश्लेषण और फल पैदावार 50% तक कम हो सकती है।

कहाँ होता है: यह तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में प्रचलित है, जो गर्म, आर्द्र परिस्थितियों (25-30 डिग्री सेल्सियस) में पनपता है।

पहचान:

  • पत्तियों पर छोटी, धूसर-सफेद धारियों की तलाश करें जो गहरे भूरे से काले हो जाते हैं, पीले प्रभामंडल के साथ।
  • समय से पहले पत्ती सूखने और छोटे गुच्छों की जाँच करें।

जैविक उपचार विधि:

  • सांस्कृतिक प्रथाएँ: संक्रमित पत्तियों को हटाएँ, जल निकासी सुधारें, और दूरी बनाए रखें।
  • प्रतिरोधी किस्में: रोबस्टा जैसी सहनशील किस्में लगाएँ।
  • जैविक नियंत्रण: ट्राइकोडर्मा हार्ज़िएनम का पत्तियों पर छिड़काव करें।

अजैविक उपचार विधि:

  • कवकनाशी: प्रोपिकोनाज़ोल या क्लोरोथालोनिल का प्रयोग करें, स्थानीय दिशानिर्देशों के अनुसार।
  • निगरानी: आर्द्र मौसम में वनस्पति वृद्धि के दौरान पत्तियों की जाँच करें।