बैंगन लिटल लीफ रोग Written on . Posted in Disease.
के बारे में: बैंगन लिटल लीफ रोग, फाइटोप्लाज़्मा के कारण होने वाली एक वेक्टर-जनित रोग है, जो पत्तियों को प्रभावित करती है, जिससे वृद्धि रुक जाती है और 90% तक फल पैदावार कम हो सकती है, जो लीफहॉपर्स द्वारा फैलता है।
कहाँ होता है: यह तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में प्रचलित है, जो गर्म, शुष्क मौसम (25-35 डिग्री सेल्सियस) में पनपता है।
पहचान:
- छोटी, कठोर और क्लोरोटिक पत्तियों की तलाश करें, जिनके बीच की दूरी कम हो।
- झाड़ीदार वृद्धि और फल न बनने या छोटे, विकृत फलों की जाँच करें।
जैविक उपचार विधि:
- सांस्कृतिक प्रथाएँ: संक्रमित पौधों को हटाएँ और नष्ट करें, लीफहॉपर्स को चिपचिपे जाल से नियंत्रित करें, और संक्रमित खेतों से बचें।
- प्रतिरोधी किस्में: प्रतिरोध सीमित; पूसा पर्पल लॉन्ग जैसे स्वस्थ अंकुर लगाएँ।
- जैविक नियंत्रण: लीफहॉपर्स को नियंत्रित करने के लिए लेडीबग्स जैसे प्राकृतिक शिकारियों को प्रोत्साहित करें।
अजैविक उपचार विधि:
- कवकनाशी: इमिडाक्लोप्रिड या थायमेथोक्सम का लीफहॉपर्स नियंत्रण के लिए प्रयोग करें, स्थानीय सुझावों के अनुसार।
- निगरानी: बुआई के 30-60 दिनों के भीतर लीफहॉपर्स और लक्षणों की जाँच करें।