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चना एस्कोचिता ब्लाइट Written on . Posted in Disease.

चना एस्कोचिता ब्लाइट

के बारे में: चना एस्कोचिता ब्लाइट, एस्कोचिता राबिएई के कारण होने वाली एक कवक रोग है, जो पत्तियों, तनों और फलियों को प्रभावित करती है, जिससे गीली परिस्थितियों में 100% तक पैदावार कम हो सकती है।

कहाँ होता है: यह पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में प्रचलित है, जो ठंडी, गीली परिस्थितियों (15-25 डिग्री सेल्सियस) में पनपता है।

पहचान:

  • पत्तियों और तनों पर पानी से भरे, धूसर-सफेद घावों की तलाश करें, जिनमें गहरे पिक्नीडिया हों।
  • गंभीर संक्रमण में फली सड़न और काले बीजों की जाँच करें।

जैविक उपचार विधि:

  • सांस्कृतिक प्रथाएँ: प्रमाणित बीजों का प्रयोग करें, ऊपरी सिंचाई से बचें, और फसल अवशेष हटाएँ।
  • प्रतिरोधी किस्में: पूसा 256 जैसी प्रतिरोधी किस्में लगाएँ।
  • जैविक नियंत्रण: स्यूडोमोनास फ्लोरेसेंस का प्रयोग करें ताकि कवक प्रसार रुके।

अजैविक उपचार विधि:

  • कवकनाशी: शुरुआती संक्रमण में क्लोरोथालोनिल या मैनकोज़ेब का प्रयोग करें, स्थानीय सुझावों के अनुसार।
  • निगरानी: बारिश के बाद वनस्पति और फूल आने के चरणों में खेतों की जाँच करें।