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चना बॉट्राइटिस ग्रे मोल्ड Written on . Posted in Disease.

चना बॉट्राइटिस ग्रे मोल्ड

के बारे में: चना बॉट्राइटिस ग्रे मोल्ड, बॉट्राइटिस सिनेरिया के कारण होने वाली एक कवक रोग है, जो तनों, पत्तियों और फलियों को प्रभावित करती है, जिससे ठंडी, गीली परिस्थितियों में 70% तक पैदावार कम हो सकती है।

कहाँ होता है: यह पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में प्रचलित है, जो 15-25 डिग्री सेल्सियस तापमान और उच्च आर्द्रता में पनपता है।

पहचान:

  • तनों, पत्तियों और फलियों पर धूसर-सफेद फजी मोल्ड की तलाश करें, अक्सर पानी से भरे घावों के साथ।
  • गंभीर संक्रमण में फली सड़न और फूलों के खराब होने की जाँच करें।

जैविक उपचार विधि:

  • सांस्कृतिक प्रथाएँ: छत्र घनत्व कम करें, अत्यधिक सिंचाई से बचें, और संक्रमित पौधों के हिस्सों को हटाएँ।
  • प्रतिरोधी किस्में: GNG 469 जैसी सहनशील किस्में लगाएँ।
  • जैविक नियंत्रण: ट्राइकोडर्मा वाइराइड या बैसिलस सबटिलिस का पत्तियों पर छिड़काव करें।

अजैविक उपचार विधि:

  • कवकनाशी: फूल आने के दौरान इप्रोडियोन या कार्बेन्डाज़िम का प्रयोग करें, स्थानीय दिशानिर्देशों के अनुसार।
  • निगरानी: गीले मौसम में फूल आने और फली बनने के दौरान पौधों की जाँच करें।