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चना ड्राई रूट रोट Written on . Posted in Disease.

चना ड्राई रूट रोट

के बारे में: चना ड्राई रूट रोट, मैक्रोफोमिना फेसोलिना के कारण होने वाली एक कवक रोग है, जो जड़ों और तनों को प्रभावित करती है, जिससे पौधे सूख जाते हैं और सूखे तनाव में 50% तक पैदावार कम होती है।

कहाँ होता है: यह राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश में पाया जाता है, जो उच्च तापमान (30-35 डिग्री सेल्सियस) और शुष्क परिस्थितियों में पनपता है।

पहचान:

  • भंगुर, सूखी जड़ों और धूसर-सफेद तने के रंग परिवर्तन की तलाश करें, जिसमें काले माइक्रोस्क्लेरोटिया हों।
  • अचानक पौधे सूखने और पत्तियों के जुड़े रहने की जाँच करें।

जैविक उपचार विधि:

  • सांस्कृतिक प्रथाएँ: फूल आने के दौरान मिट्टी की नमी बनाए रखें, अनाजों के साथ चक्र अपनाएँ, और जैविक पदार्थ डालें।
  • प्रतिरोधी किस्में: GNG 1581 जैसी सहनशील किस्में लगाएँ।
  • जैविक नियंत्रण: ट्राइकोडर्मा हार्ज़िएनम का प्रयोग करें ताकि रोगज़नक़ भार कम हो।

अजैविक उपचार विधि:

  • कवकनाशी: कार्बेन्डाज़िम का मिट्टी में छिड़काव करें, स्थानीय दिशानिर्देशों के अनुसार।
  • निगरानी: गर्मी या सूखे तनाव के दौरान फली बनने के समय पौधों की जाँच करें।