चना पाउडरी मिल्ड्यू Written on . Posted in Disease.
के बारे में: चना पाउडरी मिल्ड्यू, एरिसिफे पॉलीगोनी के कारण होने वाली एक कवक रोग है, जो पत्तियों को प्रभावित करती है, प्रकाश संश्लेषण और फली भराई को कम करती है, विशेष रूप से शुष्क, ठंडी जलवायु में।
कहाँ होता है: यह राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में आम है, जो 15-20 डिग्री सेल्सियस तापमान और कम आर्द्रता में पनपता है।
पहचान:
- पत्तियों और तनों पर सफेद, चूर्ण जैसे धब्बों की तलाश करें, जो तेजी से फैलते हैं।
- समय से पहले पत्ती गिरने और छोटी, रंगहीन फलियों की जाँच करें।
जैविक उपचार विधि:
- सांस्कृतिक प्रथाएँ: उचित दूरी सुनिश्चित करें, देर से बुआई से बचें, और संक्रमित पौधों के हिस्सों को हटाएँ।
- प्रतिरोधी किस्में: JG 14 जैसी सहनशील किस्में लगाएँ।
- जैविक नियंत्रण: बैसिलस सबटिलिस का पत्तियों पर छिड़काव करें।
अजैविक उपचार विधि:
- कवकनाशी: सल्फर या गीला सल्फर का प्रयोग करें, स्थानीय दिशानिर्देशों के अनुसार।
- निगरानी: शुष्क मौसम में फली बनने के दौरान पत्तियों की जाँच करें।