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मूंगफली अफ्लाटॉक्सिन Written on . Posted in Disease.

मूंगफली अफ्लाटॉक्सिन

के बारे में: मूंगफली अफ्लाटॉक्सिन, एस्पर्जिलस फ्लावस के कारण होने वाली एक कवक रोग है, जो फलियों को प्रभावित करती है, गिरी को अफ्लाटॉक्सिन से दूषित करती है, स्वास्थ्य जोखिम पैदा करती है और बाजार मूल्य कम करती है।

कहाँ होता है: यह गुजरात, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में पाया जाता है, जो गर्म, शुष्क परिस्थितियों (30-35 डिग्री सेल्सियस) और फली चोट में पनपता है।

पहचान:

  • गिरी पर पीले-हरे चूर्ण वृद्धि की तलाश करें, अक्सर कटाई के बाद या सूखे-तनावग्रस्त फलियों में।
  • सिकुड़ी, रंगहीन बीज और बासी गंध की जाँच करें।

जैविक उपचार विधि:

  • सांस्कृतिक प्रथाएँ: इष्टतम नमी (8-10%) पर कटाई करें, फलियों को जल्दी सुखाएँ, और फली खाने वाले कीटों को नियंत्रित करें।
  • प्रतिरोधी किस्में: GG 7 जैसी टाइट फली वाली किस्में लगाएँ।
  • जैविक नियंत्रण: एस्पर्जिलस फ्लावस के अटॉक्सिजेनिक स्ट्रेन का प्रयोग करें ताकि जहरीले स्ट्रेन से मुकाबला हो।

अजैविक उपचार विधि:

  • कवकनाशी: फली विकास के दौरान प्रोपिकोनाज़ोल का प्रयोग करें, स्थानीय दिशानिर्देशों के अनुसार।
  • निगरानी: कटाई और भंडारण के दौरान फलियों में कवक वृद्धि की जाँच करें।