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अमरूद एन्थ्रेक्नोज Written on . Posted in Disease.

अमरूद एन्थ्रेक्नोज

के बारे में: अमरूद एन्थ्रेक्नोज, कोलेटोट्राइकम ग्लियोस्पोरियोइड्स के कारण होने वाली एक कवक रोग है, जो फलों, पत्तियों और टहनियों को प्रभावित करती है, जिससे आर्द्र परिस्थितियों में फल सड़न और 50% तक पैदावार कम हो सकती है।

कहाँ होता है: यह उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में प्रचलित है, जो गर्म, गीले मौसम (25-30 डिग्री सेल्सियस) में पनपता है।

पहचान:

  • फलों पर गहरे, धँसे घावों की तलाश करें, जिसमें गुलाबी-नारंगी बीजाणु द्रव्यमान हों।
  • गंभीर मामलों में पत्ती धब्बों और टहनी मृत्यु की जाँच करें।

जैविक उपचार विधि:

  • सांस्कृतिक प्रथाएँ: छत्र की छँटाई करें, जल्दी कटाई करें, और बीजाणु प्रसार कम करने के लिए संक्रमित फलों को हटाएँ।
  • प्रतिरोधी किस्में: इलाहाबाद सफेदा जैसी सहनशील किस्में लगाएँ।
  • जैविक नियंत्रण: ट्राइकोडर्मा हार्ज़िएनम का पत्तियों पर छिड़काव करें।

अजैविक उपचार विधि:

  • कवकनाशी: कार्बेन्डाज़िम या मैनकोज़ेब का प्रयोग करें, स्थानीय दिशानिर्देशों के अनुसार।
  • निगरानी: पकने के दौरान आर्द्र परिस्थितियों में फलों की जाँच करें।