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आलू फ्यूसेरियम ड्राई रोट Written on . Posted in Disease.

आलू फ्यूसेरियम ड्राई रोट

के बारे में: आलू फ्यूसेरियम ड्राई रोट, फ्यूज़ेरियम प्रजाति (जैसे एफ. सोलानी) के कारण होने वाली एक कवक रोग है, जो कंदों को प्रभावित करती है, जिससे भंडारण में 25% तक नुकसान होता है।

कहाँ होता है: यह पंजाब, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में आम है, जो गर्म भंडारण परिस्थितियों (15-25 डिग्री सेल्सियस) और कंद चोट में पनपता है।

पहचान:

  • सूखे, सिकुड़े और धूसर-सफेद कवक वृद्धि के साथ रंग बदले कंद मांस की तलाश करें।
  • कंद सतहों पर संकेंद्रित झुर्रियों के साथ धँसे घावों की जाँच करें।

जैविक उपचार विधि:

  • सांस्कृतिक प्रथाएँ: कंदों को सावधानी से संभालें, कटाई के बाद 10-15 डिग्री सेल्सियस पर ठीक करें, और कम तापमान (4-7 डिग्री सेल्सियस) पर स्टोर करें।
  • प्रतिरोधी किस्में: कुफरी सिंधुरी जैसी कम संवेदनशील किस्में लगाएँ।
  • जैविक नियंत्रण: भंडारण से पहले कंदों पर ट्राइकोडर्मा हार्ज़िएनम का प्रयोग करें।

अजैविक उपचार विधि:

  • कवकनाशी: थायबेंडाज़ोल या फ्लूडियोक्सोनिल का कटाई के बाद डिप के रूप में प्रयोग करें, स्थानीय दिशानिर्देशों के अनुसार।
  • निगरानी: भंडारण के दौरान कंदों में सड़न विकास की जाँच करें।