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सोयाबीन चारकोल रोट Written on . Posted in Disease.

सोयाबीन चारकोल रोट

के बारे में: सोयाबीन चारकोल रोट, मैक्रोफोमिना फेसोलिना के कारण होने वाली एक कवक रोग है, जो जड़ों और तनों को प्रभावित करती है, जिससे पौधे सूख जाते हैं और सूखे तनाव में 50% तक पैदावार कम होती है।

कहाँ होता है: यह मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में पाया जाता है, जो उच्च तापमान (30-35 डिग्री सेल्सियस) और शुष्क मिट्टी में पनपता है।

पहचान:

  • निचले तनों में धूसर-काले रंग और टुकड़े होने की तलाश करें, जिसमें छोटे काले माइक्रोस्क्लेरोटिया हों।
  • समय से पहले पत्ती पीली होने और फली खराब होने की जाँच करें।

जैविक उपचार विधि:

  • सांस्कृतिक प्रथाएँ: मिट्टी की नमी बनाए रखें, अनाजों के साथ चक्र अपनाएँ, और जैविक पदार्थ डालें।
  • प्रतिरोधी किस्में: NRC 37 जैसी सहनशील किस्में लगाएँ।
  • जैविक नियंत्रण: ट्राइकोडर्मा वाइराइड का प्रयोग करें ताकि रोगज़नक़生存 कम हो।

अजैविक उपचार विधि:

  • कवकनाशी: कार्बेन्डाज़िम का मिट्टी में छिड़काव करें, स्थानीय दिशानिर्देशों के अनुसार।
  • निगरानी: गर्मी तनाव के दौरान प्रजनन चरणों में पौधों की जाँच करें।