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सोयाबीन स्टेम कैंकर Written on . Posted in Disease.

सोयाबीन स्टेम कैंकर

के बारे में: सोयाबीन स्टेम कैंकर, डायपोर्थे फेसोलोरम वैर. कॉलिवोरा के कारण होने वाली एक कवक रोग है, जो तनों को प्रभावित करती है, जिससे पौधे मर जाते हैं और गंभीर मामलों में 50% तक पैदावार कम हो सकती है।

कहाँ होता है: यह मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान में आम है, जो गर्म, गीली परिस्थितियों (25-30 डिग्री सेल्सियस) में पनपता है।

पहचान:

  • मिट्टी की रेखा के पास तनों पर गहरे भूरे से काले कैंकर की तलाश करें, अक्सर धूसर-सफेद केंद्रों के साथ।
  • हरे तनों के बावजूद ऊपरी पत्तियों के मुरझाने और सूखने की जाँच करें।

जैविक उपचार विधि:

  • सांस्कृतिक प्रथाएँ: अनाजों के साथ चक्र अपनाएँ, फसल अवशेष हटाएँ, और तनों को चोट से बचाएँ।
  • प्रतिरोधी किस्में: JS 93-05 जैसी प्रतिरोधी किस्में लगाएँ।
  • जैविक नियंत्रण: ट्राइकोडर्मा हार्ज़िएनम को मिट्टी या तनों पर प्रयोग करें।

अजैविक उपचार विधि:

  • कवकनाशी: थायोफैनेट-मिथाइल या कार्बेन्डाज़िम का प्रयोग करें, स्थानीय सुझावों के अनुसार।
  • निगरानी: फूल आने और फली बनने के चरणों में तनों की जाँच करें।