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टमाटर फ्यूसेरियम विल्ट Written on . Posted in Disease.

टमाटर फ्यूसेरियम विल्ट

के बारे में: टमाटर फ्यूसेरियम विल्ट, फ्यूज़ेरियम ऑक्सीस्पोरम f.sp. लाइकोपर्सिसी के कारण होने वाली एक कवक रोग है, जो जड़ों और संवहनी तंत्र को प्रभावित करती है, जिससे मुरझान होता है और 60% तक पैदावार कम हो सकती है।

कहाँ होता है: यह महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश में पाया जाता है, जो गर्म मिट्टी (25-30 डिग्री सेल्सियस) में पनपता है।

पहचान:

  • नीचे से शुरू होने वाली पत्तियों के एकतरफा मुरझाने और पीले होने की तलाश करें।
  • तनों को लंबाई में काटने पर भूरे संवहनी रंग परिवर्तन की जाँच करें।

जैविक उपचार विधि:

  • सांस्कृतिक प्रथाएँ: अनाजों के साथ चक्र अपनाएँ, उठे हुए बेड का उपयोग करें, और संक्रमित मिट्टी से बचें।
  • प्रतिरोधी किस्में: अर्क रक्षक जैसी प्रतिरोधी किस्में लगाएँ।
  • जैविक नियंत्रण: ट्राइकोडर्मा हार्ज़िएनम को मिट्टी में डालें।

अजैविक उपचार विधि:

  • कवकनाशी: कार्बेन्डाज़िम या बेनोमिल का मिट्टी में छिड़काव करें, स्थानीय दिशानिर्देशों के अनुसार।
  • निगरानी: वनस्पति वृद्धि के दौरान पौधों में मुरझान की जाँच करें।